महाविस्फोट सिद्धान्त - ब्रह्माण्ड

Etacknik
0

 

1. ब्रह्माण्ड


अस्तित्वमान द्रव्य एवं ऊर्जा के सम्मिलित रूप को ब्रह्माण्ड कहते हैं। दूसरे शब्दों में सूक्ष्मतम अणुओं से लेकर महाकाय आकाशगंगाओं (Galaxies) तक के सम्मिलित स्वरूप को ब्रह्माण्ड कहा जाता है। ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति से संबंधित प्रमुख सिद्धान्त निम्न हैं- 


1. महाविस्फोट सिद्धान्त (Big Bang Theory) ऐव जॉर्ज लेमेन्तेयर साम्यावस्था या सतत सृष्टि सिद्धान्त या स्थिर अवस्था संकल्पना (Steady State Theory): थॉमस गोल्ड एवं हर्मन बॉडी दोलन सिद्धान्त (Pulsating Universe Theory) डॉ एलन संडेजा


2. स्फीति सिद्धान्त (Inflationary Theory): अलेन गुथ ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति के संबंध में महाविस्फोट सिद्धान्त (Big Bang Theory) सर्वाधिक मान्य सिद्धान्त है। इसका प्रतिपादन बेल्जियम के खगोलज्ञ एवं पादरी ऐव जॉर्ज लैमेन्तेयर ने किया था। बाद में रॉबर्ट बेगोनेर ने इस सिद्धान्त की व्याख्या की।


3.


 महाविस्फोट सिद्धान्त के अनुसार 1. आरंभ में वे सभी पदार्थ,जिनसे ब्रह्माण्ड बना है, अति छोटे गोलक (एकाकी परमाणु) केरूप में एक ही स्थान पर स्थित था, जिनका आयतन अत्यधिकसूक्ष्म एवं तापमान तथा घनत्व अनंत था। 2. अत्यधिक संकेन्द्रण के कारण बिन्दु का आकस्मिक विस्फोट हुआ, जिसे महाविस्फोट ब्रह्मांडीय विस्फोट (Big-Bang) कहा गया। इस अचानक विस्फोट से पदार्थों का बिखराव हुआ, जिससे सामान्य पदार्थ निर्मित हुए। इसके अलगाव के कारण काले पदार्थ बने, जिनके समूहन से अनेक ब्रह्मांडीय पिंडों का सृजन हुआ। वैज्ञानिकों का विश्वास है कि महाविस्फोट (Big Bang ) की घटना आज से अरब वर्ष पहले हुई थी। महाविस्फोट के लगभग 10.5 अरब वर्ष पश्चात यानी आज से 4.5 अरब वर्ष पूर्व सौरमंडल का विकास हुआ जिसमें ग्रहों तथा उपग्रहों का निर्माण हुआ। इस प्रकार 'बिग बैंग' परिघटना से ब्रह्माण्ड की उत्पत्ति हुई और तभी से उसमें निरन्तर विस्तार जारी है। इसके साक्ष्य के रूप में आकाशगंगाओं के बीच बढ़ती दूरी का साक्ष्य दिया जाता है। T NASA ने 2001 ई. में MAP (Microwave Anisotrophy Probe) नामक अनुसंधान में इसकी पुष्टि की।


 ब्रह्मांड के निरंतर विस्तारण के साक्ष्य जुटाने में एडविन हब्बल का योगदान उल्लेखनीय है। ब्रह्मांड के निरंतर विस्तारण के साक्ष्य के रूप में अंतरिक्ष में सूक्ष्म तरंगों की उपस्थिति का पता चलना, अंतरिक्ष में रेडशिफ्ट परिघटना का अवलोकन तथा आधुनिक अध्ययनों में सुपरनोवा का अंतरिक्ष में विस्फोट होना भी ब्रह्मांड के विस्तार के साक्ष्य रूप में माना जा रहा है।

Tags

Post a Comment

0Comments
Post a Comment (0)