Bhartiya Samvidhan ke Videshi SrotBhartiya Samvidhan ke Videshi Srot : भारतीय संविधान के विदेशी स्रोत

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Bhartiya Samvidhan ke Videshi Srot | भारतीय संविधान के विदेशी स्रोत

 भारत के संविधान के निर्माण में निम्न देशों के संविधान से सहायता ली गयी है-

भारतीय संविधान के विदेशी स्रोत


1. संयुक्त राज्य अमेरिका : प्रस्तावना, मौलिक अधिकार, न्यायिक पुनरावलोकन, संविधान की सर्वोच्चता, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, निर्वाचित राष्ट्रपति एवं उस पर महाभियोग, उपराष्ट्रपति, उच्चतम एवं उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को हटाने की विधि एवं वित्तीय आपात ।


2. ब्रिटेन : संसदात्मक शासन-प्रणाली, एकल नागरिकता एवं विधि- निर्माण प्रक्रिया, विधि का शासन, संसदीय विशेषाधिकार, मंत्रिमंडल प्रणाली, परमाधिकार लेख और द्विसदनवाद


3. आयरलैंड : नीति-निर्देशक सिद्धान्त, राष्ट्रपति के निर्वाचक मंडल की व्यवस्था, राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा में साहित्य, कला, विज्ञान व समाज-सेवा इत्यादि के क्षेत्र में ख्यातिप्राप्त व्यक्तियों का मनोनयन | आस्ट्रेलिया: प्रस्तावना की भाषा, समवर्ती सूची का प्रावधान, केन्द्र


4. आस्ट्रेलिया: एवं राज्य के बीच संबंध तथा शक्तियों का विभाजन, संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक, व्यापार, वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता


5. जर्मनी : आपातकाल के प्रवर्तन के दौरान राष्ट्रपति को मौलिकअधिकार संबंधी शक्तियाँ


6. कनाडा : संघात्मक विशेषताएँ, अवशिष्ट शक्तियाँ केन्द्र के पास, राज्यपाल की नियुक्ति विषयक प्रक्रिया, संघ एवं राज्य के बीच शक्ति विभाजन एवं सर्वोच्च न्यायालय का परामर्शी न्याय निर्णयन ।

7. दक्षिण अफ्रीका : संविधान संशोधन की प्रक्रिया का प्रावधान, राज्यसभा के सदस्यों का निर्वाचन ।


8. रूस : मौलिक कर्त्तव्यों का प्रावधान ।


9. जापान: विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया ।


10. फ्रांस : गणतंत्रात्मक और प्रस्तावना में स्वतंत्रता, समता और बंधुता के आदर्श ।


नोट: भारतीय संविधान के अनेक देशी और विदेशी स्रोत हैं, लेकिन भारतीय संविधान पर सबसे अधिक प्रभाव 'भारतीय शासन अधिनियम, 1935' का है। भारतीय संविधान के 395 अनुच्छेदों में से लगभग 250 अनुच्छेद ऐसे हैं जो 1935 ई. के अधिनियम से या तो शब्दशः ले लिये गये हैं या फिर उनमें बहुत थोड़ा परिवर्तन के साथ लिया गया है।

यह जानो

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