भौतिकी प्राकृतिक विज्ञान की यह शाखा है जिसमें द्रव्य (matter) तथा ऊर्जा (energy) और उसकी परस्पर क्रियाओं का अध्ययन होता है। भौतिकी प्राकृतिक जगत का मूल विज्ञान है, क्योंकि विज्ञान की अन्य शाखाओं का विकास भौतिकी के ज्ञान पर बहुत हद तक निर्भर करता है
1. मात्रक
मात्रक (Unit) किसी राशि के मापन के निर्देश मानक को मात्रक
m (मी) kg (किग्रा)
5 (से)
नो
A (एं) ed (कैण्ड)
कहते हैं।
> मात्रक दो प्रकार के होते हैं—मूल मात्रक (fundamental unit) एवं व्युत्पन्न मात्रक (derived unit)
S.1. पद्धति में मूल मात्रक की संख्या सात हैं, जिसे नीचे की सारणी
में दिया गया है-
क भौतिक राशि
संकेत
S.1. के मूल मापक मीटर (metre)
1. लम्बाई
2. द्रव्यमान
किलोग्राम (kilogram)
3. समय
सेकण्ड (second)
4. ताप
केल्विन (kelvin)
K (के)
5. विद्युत् धारा
ऐम्पियर (ampere) 6. ज्योति तीव्रता कैण्डेला (candela)
7 पदार्थ का परिमाण मोठ (male)
mol (मोल)
S.I. के सम्पूरक मूल मानक
1. समतल कोण रेडियन (radian )
rad (रेड)
2. धन कोण (solid स्टेरेडियन (steradian)
angle)
5.1. के कुछ पुराने मामकों के नये नाम और संकेत 1. ताप डिग्री सेण्टीग्रेड, °C (पुराना) डिग्री सेल्सियस, °C
(नया)
2. आवृत्ति
कम्पन प्रति से०, cps (पुराना) हर्ट्ज, Hz (नया)
3. ज्योति तीव्रता कैण्डिल शक्ति, C.P. (पुराना) कैण्डेला, cd (नया)
(luminous in- tensity)
> ये सभी मात्रक, जो मूल मात्रकों की सहायता से व्यक्त किये जाते
हैं. व्युत्पन्न मात्रक कहलाते हैं।
> बहुत लम्बी दूरियों को मापने के लिए प्रकाशवर्ष का प्रयोग किया जाता है अर्थात् प्रकाशवर्ष दूरी का मात्रक है।
1 प्रकाशवर्ष 9.46 x 10 मीटर
> दूरी मापने की सबसे बड़ी इकाई पारसेक है।
1 पारसेक 3.26 प्रकाशवर्ष •3.08 x 10 मीटर > बल की C.G.S. पद्धति में मात्रक डाइन है एवं S.I. पद्धति में मात्रक न्यूटन है। -
1 न्यूटन = 10 डाइन
> कार्य की C.G.S, पद्धति में मात्रक अर्ग है एवं S.I. पद्धति में मात्रक जूल है।
1 जूल = 10 अर्ग
> दस की विभिन्न पातों के प्रतीक (Symbols for various powers of 10): भौतिकी में बहुत छोटी और बहुत बड़ी राशियों के मानों को दस का घात के रूप में व्यक्त किया जाता है। 10 का कुछ घातों को विशेष नाम तथा संकेत दिये गये हैं जिसे नीचे दी गई सारणी में दिया गया है।