आधुनिक भारत
उत्तरकालीन मुगल सम्राट्
1. उत्तराधिकार युद्ध में गुरु गोविन्द सिंह ने किसका साथ दिया था?
उत्तराधिकार युद्ध में गुरु गोविन्द सिंह ने बहादुरशाह का साथ दिया था। मुगलों से स्वतंत्र होने वाले राज्य एवं संस्थापक अवध
नोट: मुगल सम्राट मुहम्मद शाह ने सआदत खाँ को बुरहान-उल-मुल्क उपाधि दी। सआदत खाँ का असली नाम मीर मुहम्मद अमीन था।
बहादुरशाह का पूर्व नाम मुअज्जम था
2. बहादुरशाह का पूर्व का नाम क्या था?
बहादुरशाह को शाहे बेखबर के उपनाम से पुकारा जाता था। जहाँदारशाह अपने शासन में लाल कुमारी नाम की वेश्या को हस्तक्षेप करने का आदेश दे रखा था।
मुगलकालीन इतिहास में सैयद बन्धु हुसैन अली खाँ एवं अब्दुल्ला खाँ को शासक निर्माता के रूप में जाना जाता है। जहाँदार शाह को लम्पट मूर्ख भी कहा जाता था । फर्रुखशियर को मुगल वंश का घृणित कायर कहा गया है।
सुन्दर बुवतियों के प्रति अत्यधिक रुझान के कारण मुहम्मदशाह को रंगीला बादशाह कहा जाता था। एक संगीतकार के रूप में मोहम्मदशाह ने अनेक खयालों की रचना की।
तुरामी सैनिक हैदर वेग ने 9 अक्टूबर, 1720 ई. को सैय्यद बन्धु हुसैन अली खाँ की हत्या कर दी।
मोहम्मदशाह के शासनकाल में ही हैदराबाद के चिनकिलिच खाँ ने निजाम उल मुल्क की उपाधिधारण की और 1725 ई. में स्वतंत्र राज्य की स्थापना की।
3. मुगल वंश के अंतिम शासक कौन थे?
तते ताऊस (मयूर सिंहासन) पर बैठने वाला अंतिम मुगल शासक मुहम्मदशाह था। जहाँदार शाह 1712-1713 शाह आलम-II (अली गौहर) फर्रुखशियर के शासनकाल में 1803 ई. में अंग्रेजों ने दिल्ली पर कब्जा कर लिया।
उत्तरकालीन मुगल सम्राट
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मुगल सम्राट | शासनकाल |
---|---|
बहादुरशाह | 1707-1712 |
मुहम्मदशाह | 1719-1748 |
अहमदशाह | 1748-1754 |
आलमगीर-II | 1754-1759 |
अकबर | 1754-1759 |
शाह आलम-II | 1806-1837 |
1761 ई. में मराठा एवं बहादुरशाह जफर 1837-1857 ई. अहमदशाह अब्दाली की सेना के बीच हुआ। इस युद्ध में मराठों की हार हुई थी।
नोट: अहमदशाह अब्दाली का वास्तविक नाम अहमद खाँ था। इसने आठ बार भारत पर आक्रमण किया।
मुगल वंश के अंतिम शासक कौन थे?
गुलाम कादिर खाँ ने 1806 में शाह आलम-11 की हत्या करवा दी। बहादुरशाह II (जफर) अंतिम मुगल सम्राट् था ।
1857 ई. की क्रांति में भाग लेने के कारण अंग्रेजों द्वारा बहादुरशाह जफ़र को बंदी बना लिया गया एवं रंगून भेज दिया। लाल किला स्थित हीरा महल बहादुरशाह जफर ने बनवाया था। मशहूर शायर मिर्जा गालिब बहादुरशाह जफर के ही समय दिल्ली में रहते थे। हयात बक्श बाग लाल किला दिल्ली में स्थित है।
नोट: हैदराबाद की स्थापना तुरानियों ने एवं अवध की स्थापना ईरानियों ने की थी।
- ईरान (फ़ारस) के सम्राट नादिरशाह ने 1739 ई. में दिल्ली पर आक्रमण किया। उस समय दिल्ली का शासक मुहम्मदशाह था । नादिरशाह को ईरान का नेपोलियन कहा जाता है। - नादिर शाह लगभग 70 करोड़ रुपये की धनराशि और शाहजहाँ का बनवाया हुआ तख्ते ताऊस (Peacock throne) तथा कोहिनूर हीरा लेकर फ़ारस वापस लौटा।